पारलौकिक प्रेम में निमग्न विधवा मीरा को प्रताडनाओं के साथ सर्प और
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यही पारलौकिक प्रेम जायसी के ग्रन्थों में लौकिक प्रेम बनकर अवतरित हुआ है।
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यही पारलौकिक प्रेम जायसी के ग्रन्थों में लौकिक प्रेम बनकर अवतरित हुआ है।
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कृष्ण के पारलौकिक प्रेम में निमग्न विधवा मीरा को प्रताडनाओं के साथ सर्प और विषपान जैसी परीक्षाओं से गुजरना पडा।
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कृष्ण के पारलौकिक प्रेम में निमग्न विधवा मीरा को प्रताडनाओं के साथ सर्प और विषपान जैसी परीक्षाओं से गुजरना पडा ।
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यदि एक ओर सूफ़ी संतों के रहस्यात्मक पारलौकिक प्रेम का चित्रण है तो दूसरी ओर इहलौकिक प्रेम का सतरंगी रंग इनकी भावभूमि में है।
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यदि प्रेम का पात्रलौकिक पुरुष होता है तो लौकिक प्रेम श्रृंगार की अभिव्यक्ति होती है किन्तु जबप्रेमी पात्र दिव्य पुरुष हो तो पारलौकिक प्रेम से भक्ति रस की अभिव्यक्ति होती है।
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यदि प्रेम का पात्र लौकिक पुरुष होता है तो लौकिक प्रेम श्रृंगार की अभिव्यक्ति होती है किन्तु जब प्रेमी पात्र दिव्य पुरुष हो तो पारलौकिक प्रेम से भक्ति रस की अभिव्यक्ति होती है।
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परम धर्म है ताहु तें, प्रेम एक अनिवार ॥ balloon title = “ प्रेम वाटिका, 37 ” style = color: blue > * / balloon > / poem > == प्रेम-भक्ति == अपनी ' प्रेमवाटिका ' में रसखान ने प्रेम की जो विशेषताएं बतलाई हैं वे लौकिक प्रेम और पारलौकिक प्रेम पर समान रूप से लागू होती हैं।